हाइलाइट्स
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के छात्र एडवर्ड टियान ने GPTZero ऐप बनाया है.
एडवर्ड टियान प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं.
ChatGPT से छात्र मुश्किल विषयों पर लंबे-लंबे निबंध तक लिखवा सकते हैं.
इन दिनों ChatGPT को लेकर हर तरफ चर्चा चल रही है, और इसे गूगल को बड़ी चुनौती देने वाला सर्च इंजन माना जा रहा है. ये बाकी सर्च इंजन से काफी अलग है और इंसानों की समझ आने वाली भाषा में लोगों को जवाब देता है. लोग इसका इस्तेमाल करके अलग-अलग तरह के काम करवा रहे हैं. कोई इससे कठीन विषय पर सवाल लिखवा रहा है, और कोई इससे कंप्यूटर के कोड बनवा रहा है. एक तो ये भी है कि छात्र इससे बड़े और मुश्किल विषयों पर लंबे-लंबे निबंध तक लिखवा सकते हैं.
ऐसे में टीचर्स के लिए मुल्यांकन करना एक बड़ी चुनौती हो गई है. हालांकि इसी बीच प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के छात्र ने एक ऐसा ऐप बनाया है जो ये डिटेक्ट कर सकता है कि लिखा गया टेक्स्ट इंसानी है या इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ChatGPT की मदद से लिखा गया है. इस ऐप को 22 साल के Edward Tian ने डेवलप किया है और इसकी जानकारी इन्होंने ट्विटर पर शेयर की है. इस ऐप का नाम GPTZero रखा गया है.
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले एडवर्ड टियान ने हाल के एक ट्वीट में कहा कि उनके ऐप के पीछे का एल्गोरिथ्म, जिसे GPTZero कहा जाता है, ‘जल्दी और आसानी से पता लगा सकता है कि कोई निबंध (essay) चैटGPT है या हाथ से लिखा गया है.’ बता दें कि फिलहाल ये ऐप बीटा वर्जन में है.
Tian ने GPTZero को पेश करते हुए एक ट्वीट में लिखा, ‘चैटGPT को लेकर इतनी चर्चा चल रही है. लेकिन क्या ये सच में AI द्वारा लिखा गया है? हम इंसानों को इससे जानना चाहिए.’
टियान ने कहा कि 2 जनवरी को अपने बॉट को ऑनलाइन जारी करने के बाद कई शिक्षक उसके पास आए, और उन्होंने उसे इसके परीक्षण से मिले सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया.
30,000 से ज़्यादा लोगों ने इस ऐप का यूज किया
पता चला है कि इसके लॉन्च के एक हफ्ते के अंदर 30,000 से ज़्यादा लोगों ने GPTZero को इस्तेमाल किया था. ये इतना पॉपुलर हुआ कि ऐप क्रैश हो गया. GPTZero को होस्ट करने वाला फ्री प्लेटफॉर्म स्ट्रीमलिट, तब से वेब ट्रैफिक को संभालने के लिए ज़्यादा मेमोरी और संसाधनों के साथ टियान को सपोर्ट करने के लिए आगे आया.
ChatGPT के लॉन्च होने के बाद लोग हर तरीके से इस्तेमाल करने में लग गए हैं. इस टूल के डर से न्यू यॉर्क सिटी डिपार्टमेंट ऑफ एजूकेशन ने इसके एक्सेस को टीचर्स और स्टूडेंट्स के लिए बैन कर दिया है.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2023, 09:10 IST